Thursday, October 21, 2021

Cold & Cough

मारी जो छीकें हमने ज़ोरदार

घबरा गए सारे परिवार वाले यार

corona का डर हर किसी के मन मे

घरवाले भी बोले तू shiftहो ले एक कमरे मे


छींक पे छींक पे छींक

अपनी तो हो ली तैं तैं फीस

छींक आये ज़ोरदार

मानो किसी ने नगाड़ा बजाया हो बहार

बुढ़ापे की चिंता सताये

छींक पे जब बदन थर थरायें 

बात ये मन में बार बार खटके

बुढ़ापे मे छींकों से हड्डियां न टूटे


पानी बहे नाक से निरंतर

ऐसा लगे नल चला के छोड़ दिया किसी ने अंदर

ख़ासी भी आये जमकर

ऐसा लगे virus को बाहर फेंकने की कोशिश हो रही भयंकर


लेते की बैठें समझ न पाये

बदन मे थकावट से सुस्ती और छाये

Doctor के पास जाएँ या न जाएँ

इस दुविधा मे दिन घर पे ही बितायें

Gargle, काढ़ा, Honitus सब आज़माये

पर जुखाम और खांसी ठीक होने मे तो लगे time


खाने मे सब उबला और फीका मिले

जीभ भी बोले ठीक नहीं किया तुमने dear

मैंने कहा है अपनी सेहत सुधारने का खयाल

इसलिए तुम्हे तकलीफ दी मेरे यार

बस कुछ दिनों का है सवाल

चटपटा, मसालेदार चालू होगा फिर से अपार


बदन का तापमान थोड़ा भड़ा हुआ लगे

तो कम्बल के अन्दर हम हो लिए

लेटे लेटे अब किया क्या जाये

तब सुझा चलो एक Netflix/Prime series ही खत्म कर दे भाई


ज्यादा देर screen देखी न जाये

और सोने की कोशिश पे मन बोले हाय हाय 

तो लगा एक कविता ही लिख दी जाये और ये जो शब्दों से हम अपना मन बहलाए

आप भी पढ़े और मजे लेके जाएँ


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