Thursday, October 14, 2021

Beard (दाढ़ी)



सोचा कुछ नया करें current times मे

तो  रख ली दाढ़ी हमने लॉकडाउन में 


क्या पता था इतना कहर ढायेगा ये शौक

जब भी कोई मिले बोले ये क्या  हो  गया  मेरे दोस्त 


कोई कहे सन्यास ले लिया क्या 

कोई कहे तालिबान से जुड़ गए क्या

कोई कहे अच्छी नहीं लगती ये

कोई कहे मुस्लमान लग रहे हो बे

कोई कहे क्या बात प्रोफेसर

कोई कहे लग रहे हो एक News reporter


ऑफिस वाले बोले तुम्हारा वीडियो और DP बिलकुल न मिले

हमने सोचा चलो वहां भी दाढ़ी वाली एक फोटो डाल दे

client भी हमारे पीछे न रह पाये 

बोले लगते तुम एक bad ass boy


मैंने भी सोचा कितना अजीब है इंसान 

एक दाढ़ी से बदल जाये उसकी पहचान


दाढ़ी को जैसा भड़ना है भड़ने दिया

कहीं मन में लगे कुछ तो हमने खुल के किया

जितनी wilderness दाढ़ी की भाड़े

उतनी है न जाने क्यूं मन को ठंडक मिले

कोरोना से बेतहाश हुए हम

दाढ़ी बढा के सुख ढून्ढ रहा मन 

दाढ़ीको मैंने दी फुल छूट

देखें तो सही Chaos होता कितना खूब



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