Tuesday, June 15, 2021

बर्तन सफ़ाई / Washing Utensils


 

थे बहुत से काम 

लेकिन इतनी Consistency वाला कोई ना था


सुबह, दोपहर शाम जिस्का

नज़राना हमें पेश था


यू तो हम किसी काम से नहीं डरते

पर धोने वाले बर्तन की कतार  बढ़ते अपने विचार बदल लेते


खाना खाने में जीता मजा आए

उसके बर्तन घिसने में Calories निकल जाए


जब बर्तन धोने का time आए

तो हम भी Mobile और Headphone के साथ तैय्यार भाई 


फिर जीतना घिसने धोने मैं लगे वक्त

उसमे हम हो जाए Headphone लगा के अपने मैं मस्त


बर्तनो से प्यार हो जाए

जब अपनी सफाई उनपे चमक लाए


गाना  बजे जब -मुझसे जुदा हो कर तुम्हें दूर जाना है,पल भर की जुदाई फिर लौट आना है

ऐसा लगे बस यही है सच


बीवी भी पूछें  इतना खुश होके बर्तन कैसे धोते तुम

मैं बोला तुम भी आजमा के देख लो जो तरकीब लगाये हम


कभी लगे बर्तन धोने में है गहराई

अपने सोच विचार में लाए ये सफाईी


जैसे खाने के बाद बर्तन धोना लगे जरूरी

वैसा ही रूह को अहंकार की मेल से बचाना है जरूरी


अगर रोज अहंकार की दावत हो नसीब

तो मुश्किल हो जाए किसी को रखना अपने करीब


अब हो गया साल बर्तन धोते धोते

बीवी बोले तुम हो गए Expert इस field में मेरे होते 


जब बर्तन खीसे रात को हमने

तो सामने वाले ने Kitchen की बत्ती जलाई


हम बोले sorry for the noise

वो बोले don't worry brother , today I have got early respite


दोनों ने काफी गप्पे लगायी 

जब तक अंदर से सुनते हो की आवाज न आयी


बर्तन धोना न है कोई कला से कम

न मानो तो बर्तन धो कर आज़मा लो तुम


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