खूब
जमा रंग
जब
मिल बैठे हम सब
भाई बहन एक साथ
अपने
जीवन की कश्तियों पे
सवार
ढूंढ
लिया एक ठहराव इस
मुलाकात के साथ
शब्दों
मे बयान करना इसे मुश्किल है यारो
इसे
तो दिल मे उतर कर ही जाना जाता है
भाई
बहन के इस संगठन को
फिर
सालो याद किया जाता है
ठहाको
की पुहार
बचपन
की वो हसीं यादों की कतार
न
किसी की बंदिश, न किसी की रोक
फिर
से अपने आप से रूबरू होने का खुमार
दिल
मे खुशियों की फुहार
जो
सता रहा अंदर उसे बोल के ठंडा कर लिया यार
किसी
समाधान का ना इंतज़ार
थोड़ा
जी लिया सभी ने अपने दिल को हल्का करके मेरे यार
जीवन
बहुत कुछ सिखाता है
एक
बैचलर को भी अपने बिल्ली की सेवा बच्चे जैसे करता है
जहाँ
तुम्हारे आने पे हो सभी के चेहरे पे मुस्कराहट की लहर
मान
लो फिर अनजाने शहर मे मिल गया तुम्हे अपना एक हसीं घर
दोस्तों
का नज़ारा बड़ा ही नायाब
हर
एक लग गया मेहमानों की सेवा मे यार
कोई
बनाए पकवान, कोई लाए दारू
, तो कोई लाये आधी रात को एयरपोर्ट से जनाब
न
कोई उफ़ न आह
ऐसा
लगे ये तो परिवार वाला ही है अपना
जिस
जगह पर हो हर एक का आदर और सत्कार
जहाँ
मौशी बनाये रोज खाना अपरम्पार
सभी
के चेहरे पे एक धीमी सी मुस्कराहट
बस
यही तो है एक सुखी जीवन की बनावट
तो
करते रहें हम युहीं
सालो साल भाई बहन मिलन
ज़िन्दगी
कट जायेगी फिर हसीं यादों
के संग :)
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