इंसान अब दिल से ज्यादा दिमाग से सोचे ....
तो जीना खतम सा लगे......
कहां उसे दुनिया के हसीन नजरों का इंतजार था....
और कहां वो दिन रात एक्सेल पीपीपीटीटी मैं काम करें.....
कैसी ये कश्मकश ....
ये घर और गाड़ी और समाज का status .....
बाहर से तो बड़ा सुखी लगे सबको....
पर अंदर अपने हर रोज ये घुट घुट के मरे..
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